Anushivaranjana
Some thoughts, straight from my heart.
मंगलवार, 24 नवंबर 2020
दीपक
देह को देहरी बना कर
दीप एक ऐसा जला लो
अर्थ हो न हो, परमार्थ हो
ईश से मन को लगा लो
देह को दीपक बना लो
लौ प्रभु से लगा लो
जीवन समर्पित हो प्रभु में
आस अब ऐसी जगा लो
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